आज अंतराष्ट्रीय श्रमिक दिवस है- आइये जानते है कुछ तथ्य | अमेरिका और कनाडा क्यों आज नहीं मनाते इसे ?
आज दिनांक 1 May 2020 अंतराष्ट्रीय श्रमिक दिवस है जिसे हमलोग लेबर डे या वर्कर डे भी बोलते है और जिसे कुछ देश मई डे भी बोलते है | ये श्रमिकों का दिवस होता है | यह एक प्राचीन यूरोपीय वसंत उत्सव है |
क्यों मनाते है हम मजदुर दिवस-
विश्व के लगभग सभी देश मजदुर दिवस मनाते है उनका मनाने का तारीख या तरीका अलग हो सकता है | इस दिन को आधिकारिक अवकाश घोषित किया गया है पुरे विश्व में | जितने भी वर्कर है उनके सम्मान के लिए ये दिन रखा गया है जिनसे उनको अपने आप पे गर्व महसूस हो |
कैसे चुना गया 1 मई को -
इस तिथि को समाजवादी और कम्युनिस्ट राजनितिक दलों के पैन- राष्ट्रीय संघठन द्वारा हेमाक्रेट ट्रेडमार्क की स्मृती में चुना गया था | जो की 4 मई 1886 को शिकागो में हुआ था |
सन 1904 का वह दूसरा अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन हुआ जिसमे सभी सामाजिक लोकतांत्रिक पार्टी, संगठनों और सभी देशों के ट्रेड यूनियनों ने सर्वसम्मति से भाग लिया और अपने वर्गीय मांगों के लिए या आठ घंटे के दिन की कानूनी स्थापना के लिए 1 मई को ऊर्जावान रूप से प्रदर्शित करने के लिए बुलाया।
क्यों अमेरिका और कनाडा में 1 मई को नहीं मनाते -
कनाडा और अमेरिका या फिर जिसे हम संयुक्त राज्य अमेरिका बोलते है वहां सितम्बर की पहली सोमवार को अवकाश रहती है जिसे श्रम दिवस के रूप में मनाते है |
सन 1882 में Matthew Maguire एक Machinist थे उन्होंने सितम्बर की पहली सोमवार को श्रम दिवस की अवकाश के लिए प्रस्ताव रखा | सन 1987 में Oregon जो की संयुक्त राज्य अमेरिका का पहला राज्य बना जो सितम्बर की पहली सोमवार को अवकाश रखा | सन 1894 में यह आधिकारिक संघिये अवकाश बन गया| वहीँ 30 अमीरीकी राज्यों ने आधिकारिक तौर पर श्रमिक दिवस मनाया
भारत में पहली बार कब मनाई गयी थी मजदुर दिवस -
भारत में पहली बार इसे वर्ष 1923 में मनाया गया था जिसका सुझाव एक कम्युनिस्ट नेता ने दिया था| उनका कहना था की दुनिया भर के मजदूर इसे मनाते है इसकी मान्यता भारत के मजदूर को भी देनी चाहिए| मद्रास में मई दिवस मनाने की अपील की गयी जिसके कारन बहुत साड़ी सभाये और जुलुस निकाला गया | इस प्रकार बर्ष 1923 से इसकी मान्यता दी गयी और मई दिवस मनाया गया |
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